जब मार्केट ऑल-टाइम हाई (ATH) पर हो, तो ट्रेडर को क्या करना चाहिए?

राजेश पालशेतकर
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जब भी कोई इंडेक्स या स्टॉक अपने ऑल-टाइम हाई (All-Time High - ATH) पर पहुंचता है, तो यह ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए एक महत्वपूर्ण स्थिति होती है। इस समय सही निर्णय लेना जरूरी होता है क्योंकि:
मार्केट में बुलिश मोमेंटम होता है।
नया रेजिस्टेंस नहीं होता, तो कोई भी लेवल निश्चित नहीं होता।
बड़ी गिरावट की संभावना भी बढ़ जाती है।

🔹 इस स्थिति में ट्रेडर की भूमिका और सही रणनीति


1️⃣ ट्रेंड को पहचानें – "Trend is Your Friend"

📌 अगर मार्केट ATH पर है, तो आमतौर पर स्ट्रॉन्ग अपट्रेंड में होता है।

बिना वजह से शॉर्ट सेलिंग (Short Selling) न करें – सिर्फ इसलिए कि स्टॉक या इंडेक्स हाई पर है, इसका मतलब यह नहीं कि वह तुरंत गिरेगा।
Higher High और Higher Low का पैटर्न देखें – अगर यह पैटर्न बना रहा है, तो अपट्रेंड मजबूत है।
लीडिंग इंडिकेटर्स देखें – RSI, MACD और वॉल्यूम का एनालिसिस करें।

🚀 एक्शन:
👉 अपट्रेंड में राइड करें और सही समय पर एग्जिट प्लान करें।


2️⃣ ब्रेकआउट या फॉल्स ब्रेकआउट को समझें

📌 ऑल-टाइम हाई पर अक्सर ब्रेकआउट होता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि वह सस्टेनेबल हो।

स्ट्रॉन्ग वॉल्यूम वाला ब्रेकआउट ज्यादा भरोसेमंद होता है।
अगर ब्रेकआउट के बाद तुरंत गिरावट आती है, तो यह फॉल्स ब्रेकआउट हो सकता है।

🚀 एक्शन:
👉 ब्रेकआउट के बाद कुछ घंटे/दिन वेट करें और कंफर्मेशन के बाद ही एंट्री लें।


3️⃣ ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें

📌 जब मार्केट ATH पर हो, तो सीधा स्टॉप लॉस लगाने की बजाय ट्रेलिंग स्टॉप लॉस इस्तेमाल करें।

ट्रेलिंग स्टॉप लॉस से प्रॉफिट लॉक होता है और अपट्रेंड में भी बने रह सकते हैं।
ATR (Average True Range) या पिछले स्विंग लो को स्टॉप लॉस के लिए आधार बनाएं।

🚀 एक्शन:
👉 स्टॉप लॉस को धीरे-धीरे ऊपर मूव करें ताकि गिरावट आने पर नुकसान से बच सकें।


4️⃣ FOMO (Fear of Missing Out) से बचें

📌 अगर मार्केट हाई पर है, तो यह मत सोचें कि आपको तुरंत खरीदना चाहिए।

ओवरबॉट कंडीशन (Overbought Condition) को चेक करें – RSI 80 से ऊपर है या नहीं।
बड़ी मूवमेंट के बाद छोटा पुलबैक आने की संभावना होती है – जल्दबाजी न करें।

🚀 एक्शन:
👉 अगर पहले से पोजीशन नहीं है, तो सही एंट्री पॉइंट का इंतजार करें।


5️⃣ सेक्टर रोटेशन को देखें

📌 जब मार्केट ATH पर होता है, तो अलग-अलग सेक्टर में मनी फ्लो मूव करता है।

सेक्टोरल एनालिसिस करें – कौन सा सेक्टर मजबूत है और कहां मुनाफावसूली हो रही है।
डायवर्जेंस देखें – कुछ सेक्टर मार्केट के साथ नहीं चल रहे हों, तो सतर्क रहें।

🚀 एक्शन:
👉 लीडर सेक्टर में निवेश करें और कमजोर सेक्टर से दूर रहें।


6️⃣ ऑप्शंस ट्रेडिंग का सही उपयोग करें

📌 ATH पर ट्रेडिंग में ऑप्शंस सही हेजिंग और रिस्क मैनेजमेंट का तरीका हो सकता है।

Call Option खरीद सकते हैं, लेकिन वोलैटिलिटी ध्यान में रखें।
Put Option या Hedge Strategy का उपयोग करें, ताकि अचानक गिरावट से बच सकें।
Straddle और Strangle स्ट्रेटेजी पर विचार करें।

🚀 एक्शन:
👉 मार्केट हाई पर ऑप्शंस से रिस्क मैनेजमेंट करें।


7️⃣ स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक्स पर नजर रखें

📌 जब मार्केट ऑल-टाइम हाई पर होता है, तो पैसा बड़े स्टॉक्स से निकलकर स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स में जा सकता है।

FII और DII की एक्टिविटी चेक करें।
स्मॉल कैप और मिड कैप इंडेक्स की परफॉर्मेंस देखें।

🚀 एक्शन:
👉 अगर लार्ज कैप में मुनाफावसूली हो रही हो, तो मिड कैप और स्मॉल कैप में अपॉर्च्युनिटी देखें।


🔹 निष्कर्ष (Conclusion)

✅ मार्केट के ऑल-टाइम हाई पर ट्रेडर को सावधानी से ट्रेड करना चाहिए।
✅ FOMO से बचें और सही ब्रेकआउट का इंतजार करें।
✅ ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और सेक्टर रोटेशन को समझें।
✅ हाई पर सीधे एंट्री न लें, बल्कि सही कंफर्मेशन और स्ट्रेटेजी के साथ काम करें।
✅ ऑप्शंस और हेजिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि अचानक गिरावट से बचा जा सके।

📢 अब आप बताएं – आप इस तरह की स्थिति में क्या करते हैं? या कोई सवाल हो तो पूछ सकते हैं! 😊📈

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