विकास की ट्रेडिंग यात्रा

राजेश पालशेतकर
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भावनाओं में बहकर ट्रेड करना: एक कड़वी सीख

विकास की ट्रेडिंग यात्रा

विकास एक युवा और उत्साही व्यक्ति था, जिसे शेयर बाजार और फॉरेक्स ट्रेडिंग में तेज़ी से पैसा कमाने का सपना था। उसने सोशल मीडिया पर सफल ट्रेडर्स की कहानियाँ देखीं और सोचा कि वह भी कम समय में बड़ा मुनाफा कमा सकता है।

पहले कुछ ट्रेड्स में उसे अच्छा लाभ हुआ। हर जीत के साथ उसका आत्मविश्वास बढ़ता गया। लेकिन उसने एक बात नजरअंदाज कर दी—भावनाओं पर नियंत्रण

लालच की शुरुआत

एक दिन विकास ने सोचा कि अगर वह बड़ी मात्रा में पैसे लगाएगा, तो बड़ा मुनाफा कमा सकता है। बिना किसी रणनीति और रिस्क मैनेजमेंट के उसने भारी मात्रा में ट्रेड किया। बाजार ने पहले उसकी दिशा में मूव किया, लेकिन फिर अचानक उल्टा चला गया।

विकास घबरा गया। उसने सोचा कि अगर वह थोड़ा और इंतजार करेगा, तो बाजार वापस उसकी दिशा में आ जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

डर और गुस्से की जंग

लालच के बाद डर ने उसे घेर लिया। उसने ट्रेड को बंद करने के बजाय बाजार में रुकने का फैसला किया, यह उम्मीद करते हुए कि कीमत वापस लौटेगी। जैसे-जैसे नुकसान बढ़ता गया, उसका गुस्सा भी बढ़ने लगा।

उसने बिना सोचे-समझे एक और ट्रेड लिया ताकि नुकसान की भरपाई कर सके। लेकिन भावनाओं के प्रभाव में लिए गए फैसले ने उसे और भी गहरे घाटे में धकेल दिया।

कड़वी सीख

आखिरकार, विकास को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उसे समझ आया कि भावनाओं पर नियंत्रण के बिना ट्रेडिंग करना, समुद्र में बिना पतवार की नाव चलाने जैसा है।

कहानी की सीख

ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए अनुशासन, रणनीति और भावनाओं पर नियंत्रण सबसे जरूरी हैं। बाजार पर आपका नियंत्रण नहीं है, लेकिन अपने मन और फैसलों पर नियंत्रण ही आपको एक सफल ट्रेडर बना सकता है।

"भावनाओं को रास्ता न दें, बल्कि रणनीति को आगे रखें!"

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