कठोर रिस्क मैनेजमेंट रणनीति अपनाएं।

राजेश पालशेतकर
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 कठोर रिस्क मैनेजमेंट रणनीति (Strict Risk Management Strategy) अपनाना ट्रेडिंग में सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर आप लगातार नुकसान से बचना चाहते हैं और जोखिम को नियंत्रित करते हुए बेहतर परिणाम प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको एक ठोस और कठोर रिस्क मैनेजमेंट रणनीति की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ मुख्य बिंदु हैं, जिन पर ध्यान देना चाहिए:

1. रिस्क/रिवार्ड रेशियो (Risk/Reward Ratio) तय करें

  • रिस्क/रिवार्ड रेशियो यह निर्धारित करता है कि आप एक ट्रेड में कितना रिस्क उठा रहे हैं और उसके मुकाबले कितने संभावित लाभ की उम्मीद कर रहे हैं।
  • एक सामान्य और प्रभावी रेशियो 1:2 या 1:3 हो सकता है, यानी आप हर ₹1 के जोखिम पर ₹2 या ₹3 का लाभ प्राप्त करने का लक्ष्य रखते हैं।
  • इस रणनीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छोटे नुकसान से पोर्टफोलियो को नुकसान न हो और लंबी अवधि में लाभ अर्जित हो।

2. स्टॉप लॉस का उपयोग करें

  • प्रत्येक ट्रेड में स्टॉप लॉस (Stop Loss) का सेट करना बेहद जरूरी है, ताकि नुकसान सीमित हो। स्टॉप लॉस यह तय करता है कि एक ट्रेड में कितने नुकसान के बाद आप ट्रेड को बंद करेंगे।
  • यह स्वचालित रूप से आपके नुकसान को सीमित करता है, जिससे आपको मानसिक रूप से नियंत्रित रहने में मदद मिलती है।
  • स्टॉप लॉस को हमेशा आपके ट्रेड की स्थिति और मार्केट की उतार-चढ़ाव के हिसाब से सेट करना चाहिए।

3. ट्रेड साइज और जोखिम का निर्धारण

  • आपकी पोजीशन साइज (Position Sizing) को इस प्रकार तय करें कि एक ट्रेड से होने वाला संभावित नुकसान आपकी कुल पूंजी के एक निश्चित प्रतिशत से अधिक न हो।
  • एक सामान्य नियम है कि आप अपनी कुल पूंजी का 1-2% से अधिक जोखिम नहीं लें। उदाहरण के लिए, अगर आपकी कुल पूंजी ₹1,00,000 है, तो आप प्रति ट्रेड ₹1,000 से ₹2,000 तक का जोखिम ले सकते हैं।
  • अगर आप ज्यादा जोखिम लेते हैं, तो बड़े नुकसान की संभावना बढ़ जाती है, जिससे आपकी कुल पूंजी जल्दी कम हो सकती है।

4. लॉट साइज का ध्यान रखें

  • लॉट साइज (Lot Size) का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आप अपने जोखिम को ठीक से नियंत्रित कर सकें। यदि आपके पास ज्यादा पूंजी है, तो आप बड़ी लॉट साइज का चयन कर सकते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि जोखिम हमेशा नियंत्रण में रहे।

5. स्ट्रेटेजी में डाइवर्सिफिकेशन

  • एक ट्रेडिंग रणनीति में डाइवर्सिफिकेशन (Diversification) बहुत महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है कि आप अपनी पूंजी को कई अलग-अलग ट्रेडों में विभाजित करें, ताकि अगर एक ट्रेड में नुकसान हो, तो अन्य ट्रेडों से लाभ मिल सके।
  • आप अलग-अलग सेगमेंट्स (जैसे स्टॉक्स, फॉरेक्स, कमोडिटीज़) में निवेश करके भी डाइवर्सिफिकेशन कर सकते हैं, जिससे रिस्क कम हो सकता है।

6. लॉस सीरीज़ से बचने के लिए ट्रेलिंग स्टॉप का उपयोग करें

  • यदि आपके पास एक अच्छा लाभ है और आप उसे खोना नहीं चाहते, तो आप ट्रेलिंग स्टॉप (Trailing Stop) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ट्रेलिंग स्टॉप आपके स्टॉप लॉस को मार्केट की दिशा के साथ जोड़ता है, ताकि यदि कीमत आपके पक्ष में बढ़ती है, तो स्टॉप लॉस भी बढ़ता जाए और अगर कीमत विपरीत दिशा में जाती है तो आपका ट्रेड निकल जाएगा।

7. मनी मैनेजमेंट और रिवर्सल रणनीतियां अपनाएं

  • आपके पास हमेशा एक स्पष्ट मनी मैनेजमेंट प्लान होना चाहिए। इसमें यह तय करना शामिल है कि कब आप ट्रेड को बढ़ाएंगे और कब उसे बंद करेंगे।
  • रिवर्सल (Reversal) रणनीतियां भी उपयोगी हो सकती हैं। यदि एक ट्रेड में नुकसान हो, तो अगली ट्रेड में उस नुकसान को पूरा करने के बजाय, आपको एक नया, सुरक्षित रणनीति अपनानी चाहिए।

8. विविधता और बुरी स्थिति से बचें

  • एक ही समय में कई ट्रेडों पर ज्यादा ध्यान न लगाएं। अत्यधिक जोखिम लेने के बजाय, आपको अपनी योजना और रणनीति के अनुरूप धीरे-धीरे पोजीशन बढ़ानी चाहिए।
  • एक बुरी स्थिति को बहुत जल्दी सुधारने की कोशिश न करें। कभी-कभी सबसे अच्छा तरीका यही होता है कि आप अपने नुकसान को स्वीकार करें और अगले बेहतर अवसर का इंतजार करें।

9. मनोवैज्ञानिक नियंत्रण (Psychological Control)

  • जोखिम को नियंत्रित करने के लिए मानसिक अनुशासन बहुत जरूरी है। जब आप लगातार नुकसान उठाते हैं, तो मानसिक दबाव और भावनाओं के कारण गलत फैसले हो सकते हैं।
  • इस कारण से, मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है। ट्रेडिंग में भावनाओं को नियंत्रण में रखना और ठंडे दिमाग से फैसले लेना किसी भी कठोर रिस्क मैनेजमेंट रणनीति का अहम हिस्सा है।

10. नियमित रूप से अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करें

  • समय-समय पर अपनी रिस्क मैनेजमेंट रणनीतियों का मूल्यांकन करें और देखें कि क्या वे सही दिशा में काम कर रही हैं या नहीं।
  • जब आप अपने व्यापार को लेकर आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, तो अपनी जोखिम रणनीति को उसी अनुरूप बदलें।

कठोर रिस्क मैनेजमेंट रणनीति का पालन करके, आप ट्रेडिंग में अपने जोखिम को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं और दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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