पोजीशन साइजिंग पर ध्यान दें।

राजेश पालशेतकर
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 ट्रेड पोजीशन साइजिंग (Position Sizing) ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो यह निर्धारित करता है कि आप प्रत्येक ट्रेड में कितनी पूंजी का निवेश करेंगे। इसका सही तरीके से प्रबंधन करना आपके ट्रेडिंग पोर्टफोलियो को जोखिम से बचाने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

यहां कुछ मुख्य बातें हैं, जिन्हें ट्रेड पोजीशन साइजिंग में ध्यान में रखना चाहिए:

1. जोखिम प्रबंधन:

  • एक सामान्य नियम के अनुसार, प्रत्येक ट्रेड पर अधिकतम 1-2% पूंजी का जोखिम लिया जाता है। इसका मतलब है कि यदि आपकी कुल पूंजी ₹1,00,000 है, तो आप प्रत्येक ट्रेड में ₹1,000 से ₹2,000 तक का जोखिम उठा सकते हैं।
  • यह आपको किसी भी एक ट्रेड से बहुत बड़े नुकसान से बचाता है।

2. सततता और स्थिरता:

  • पोर्टफोलियो का आकार और जोखिम की सीमा तय करें ताकि आप निरंतर लाभ बना सकें, न कि केवल एक या दो बड़े लाभ के पीछे भागें।
  • साइजिंग आपकी रणनीति और बाजार की स्थितियों के हिसाब से भी बदल सकती है। जब बाजार स्थिर हो, तो आप थोड़ी अधिक पूंजी का निवेश कर सकते हैं, जबकि उतार-चढ़ाव वाले बाजारों में आपको जोखिम कम करना चाहिए।

3. स्टॉप लॉस के हिसाब से साइजिंग:

  • एक प्रभावी तरीका है, कि आप स्टॉप लॉस के आधार पर अपनी पोजीशन साइज तय करें। उदाहरण के लिए, यदि आपका स्टॉप लॉस 10% है और आप 2% जोखिम लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपकी पोजीशन साइज को इस हिसाब से तय किया जाएगा।

4. खुद को जानना:

  • अपनी मानसिकता और जोखिम सहिष्णुता को समझें। कुछ ट्रेडर्स ज्यादा जोखिम उठाने में सहज महसूस करते हैं, जबकि अन्य अधिक सुरक्षित दृष्टिकोण अपनाते हैं।
  • इस बारे में जानना महत्वपूर्ण है कि आपकी रणनीति और पोजीशन साइज आपकी मानसिकता और रिस्क टॉलरेंस के अनुरूप होनी चाहिए।

5. फिक्स्ड पोजीशन साइजिंग और रेशियो:

  • एक साधारण तरीका है कि आप हर ट्रेड में एक फिक्स्ड राशि का निवेश करें, जैसे ₹10,000 या ₹20,000, लेकिन यह तरीका सभी स्थितियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता।
  • बेहतर यह हो सकता है कि आप रिस्क और लाभ रेशियो (Risk-to-Reward Ratio) का ध्यान रखते हुए पोजीशन साइज तय करें।

6. कंपाउंडिंग:

  • जितने अधिक लाभकारी ट्रेड आप करेंगे, उतना आपकी कुल पूंजी बढ़ेगी। इस वृद्धि का सही तरीके से उपयोग करना महत्वपूर्ण है, ताकि आपकी पोजीशन साइज भी समय के साथ बढ़ सके।

उदाहरण:

  • मान लीजिए आपकी कुल पूंजी ₹1,00,000 है, और आप प्रति ट्रेड ₹1,000 का जोखिम उठाना चाहते हैं।
  • यदि आपके पास 50 प्वाइंट्स का स्टॉप लॉस है और आपके ट्रेड का प्रवेश मूल्य ₹100 है, तो आपकी पोजीशन साइज इस प्रकार होगी:
    • पोजीशन साइज = (रिस्क प्रति ट्रेड) / (स्टॉप लॉस प्वाइंट्स) = ₹1,000 / ₹50 = 20 शेयर्स

इस तरह से ट्रेड पोजीशन साइजिंग का ध्यान रखना आपको बेहतर जोखिम प्रबंधन और समग्र सफलता में मदद करेगा।

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