🔹 1️⃣ हेजिंग (Hedging) का इस्तेमाल करें
📌 क्या है?
हेजिंग में आप एक साथ अपसाइड और डाउनसाइड दोनों साइड की पोजीशन रखते हैं, ताकि नुकसान कम हो और प्रॉफिट बना रहे।
📌 कैसे करें?
✔ अगर आपको स्टॉक या इंडेक्स बुलिश (ऊपर जाने वाला) लगता है, तो आप उसमें लॉन्ग (Buy) करें और साथ में किसी कमजोर स्टॉक या ऑप्शन को शॉर्ट करें।
✔ इससे अगर मार्केट गिरे भी, तो दूसरे ट्रेड से नुकसान कम होगा।
✅ उदाहरण:
- आपने NIFTY में Buy किया और साथ में Bank NIFTY में Short किया।
- अगर मार्केट गिरी, तो Bank NIFTY का शॉर्ट प्रॉफिट देगा।
- अगर मार्केट ऊपर गई, तो NIFTY का Buy प्रॉफिट देगा।
🔹 2️⃣ स्केलिंग इन और स्केलिंग आउट टेक्निक
📌 क्या है?
- एक ही समय पर पूरी कैपिटल इन्वेस्ट करने के बजाय, धीरे-धीरे अलग-अलग प्राइस पॉइंट्स पर एंट्री और एग्जिट करें।
- इससे रिस्क कम होगा और सही लेवल पर एंट्री मिल सकेगी।
📌 कैसे करें?
✔ Step 1: अगर कोई स्टॉक ₹100 पर है और आपको Buy करना है, तो पूरी कैपिटल लगाने की बजाय, ₹100 पर 25%, ₹98 पर 25%, ₹96 पर 25% और ₹94 पर 25% इन्वेस्ट करें।
✔ Step 2: जब स्टॉक ऊपर जाए, तो धीरे-धीरे प्रॉफिट बुक करें।
✅ फायदा:
- मार्केट अगर थोड़ा गिरता भी है, तो आपको बेहतर एंट्री मिलेगी।
- बिना स्टॉप लॉस के भी आप रिस्क कंट्रोल कर सकते हैं।
🔹 3️⃣ प्रॉफिट टारगेट और ट्रेलिंग एग्जिट सेट करें
📌 क्या है?
अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाना है, तो आपको फिक्स प्रॉफिट टारगेट सेट करना चाहिए और ट्रेलिंग एग्जिट का इस्तेमाल करना चाहिए।
📌 कैसे करें?
✔ जब भी आपका ट्रेड 3-5% प्रॉफिट में आ जाए, तो 50% क्वांटिटी निकाल लें और बाकी को ट्रेलिंग स्ट्रेटेजी के साथ होल्ड करें।
✔ Trailing Exit: जैसे-जैसे प्राइस ऊपर जाती है, आप एग्जिट पॉइंट को भी ऊपर मूव करते जाएं।
✅ उदाहरण:
- आपने ₹100 पर शेयर खरीदा।
- जब स्टॉक ₹110 तक गया, तो आपने 50% सेल कर दिया।
- अगर स्टॉक ₹115 तक गया, तो आप बाकी 50% सेल कर सकते हैं।
🔹 4️⃣ हाई प्रॉबेबिलिटी सेटअप चुनें
📌 क्या है?
अगर आप बिना स्टॉप लॉस के ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो ऐसे सेटअप का चुनाव करें जो 70-80% समय सही साबित होता हो।
📌 कैसे करें?
✔ Breakout Strategy: जब स्टॉक किसी स्ट्रॉन्ग रेजिस्टेंस को तोड़े, तभी ट्रेड करें।
✔ Moving Average Crossover: जब 50 EMA, 200 EMA को क्रॉस करे, तो एंट्री लें।
✔ Support & Resistance Zones: मजबूत सपोर्ट के पास खरीदें और मजबूत रेजिस्टेंस के पास बेचें।
✅ फायदा:
अगर आप सिर्फ हाई-सक्सेस रेट वाले सेटअप में ट्रेड करेंगे, तो बिना स्टॉप लॉस के भी नुकसान कम होगा।
🔹 5️⃣ लो वोलैटिलिटी स्टॉक्स और ऑप्शंस चुनें
📌 क्या है?
अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाना है, तो ऐसे स्टॉक्स चुनें जिनमें अचानक बड़े मूव्स न आएं।
📌 कैसे करें?
✔ Large Cap Stocks: जैसे Reliance, HDFC, TCS, Infosys, क्योंकि ये स्टेबल होते हैं।
✔ Low IV Options: ऑप्शन ट्रेडिंग में कम वोलैटिलिटी वाले स्ट्राइक प्राइस चुनें।
✔ Blue Chip Stocks: ज्यादा सेफ होते हैं और इनमें सर्किट लगने का खतरा कम होता है।
✅ फायदा:
अचानक बड़े नुकसान से बच सकते हैं और आराम से प्रॉफिट निकाल सकते हैं।
🔹 6️⃣ न्यूज़ और इवेंट्स से बचें
📌 क्या है?
अगर स्टॉप लॉस नहीं है, तो बड़ी न्यूज़ और इवेंट्स से दूर रहें, क्योंकि इनसे मार्केट में अचानक तेज मूवमेंट आ सकता है।
📌 कैसे करें?
✔ रिजर्व बैंक की पॉलिसी, बजट, कंपनी रिजल्ट, फेडरल रिजर्व मीटिंग जैसे इवेंट्स के दौरान ट्रेडिंग से बचें।
✔ अगर कोई इवेंट आने वाला है, तो पहले ही पोजिशन एग्जिट कर दें।
✅ फायदा:
अनएक्सपेक्टेड मूव से बच सकते हैं और बिना स्टॉप लॉस के भी सेफ रह सकते हैं।
🔹 7️⃣ सिर्फ लॉन्ग-टर्म पोजिशनल ट्रेड करें
📌 क्या है?
अगर स्टॉप लॉस नहीं लगाना है, तो इंट्राडे और शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग से बचें और लॉन्ग-टर्म पोजिशनल ट्रेड करें।
📌 कैसे करें?
✔ Strong Fundamental Stocks खरीदें।
✔ Short Term की जगह 3-6 महीने का व्यू रखें।
✔ अगर स्टॉक गिर भी जाता है, तो Buy & Hold Strategy अपनाएं।
✅ फायदा:
अगर स्टॉक नीचे भी जाता है, तो भी लॉन्ग-टर्म में रिकवरी की संभावना बनी रहती है।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
बिना स्टॉप लॉस के ट्रेडिंग करना जोखिम भरा है, लेकिन अगर आप सही रणनीति अपनाते हैं, तो आप सिर्फ प्रॉफिट निकाल सकते हैं:
✅ हेजिंग का इस्तेमाल करें।
✅ पूरी कैपिटल एक साथ इन्वेस्ट न करें, बल्कि धीरे-धीरे खरीदें और बेचें।
✅ फिक्स प्रॉफिट टारगेट सेट करें और ट्रेलिंग एग्जिट अपनाएं।
✅ सिर्फ हाई प्रॉबेबिलिटी ट्रेडिंग सेटअप फॉलो करें।
✅ कम वोलैटिलिटी वाले स्टॉक्स और ऑप्शंस चुनें।
✅ बड़ी न्यूज़ और इवेंट्स से बचें।
✅ लॉन्ग-टर्म पोजिशनल ट्रेडिंग पर फोकस करें।
💡 अगर आपको इस स्ट्रेटेजी में कोई डाउट है, तो पूछ सकते हैं! 😊📈